
वो आँखों की वीरानियाँ
वो दिलो दीवारों का बेरुखापन
वो अकेली रातों की करवटे
वो तड़पना मुस्कुराने को
वो महफ़िलो में हमारा अकेलापन
वो राहों पर इंतज़ार मुसाफिर का
वो इबादत हमारी तुमको पुकारते हुए
वो पलटना गुमनाम आवाज़ों पर
वो हार जाना हमारा आपके साथ के बिना
वो आशियाना सवारना हमारा की आप आओगे कभी
यूँ दी है पनाह आपने इस नाचीज़ को अपने घराने में
सारी चुनौतियों को धूल चटा दे हम ‘एक बस आपका साथ हो’
U-Can